- 53 Posts
- 83 Comments
इस चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की काफी बात हो रही है…लेकिन जब हम कुछ पुरानी घटनाओं को सामने रखकर हालात का विश्लेषण करते हैं तो मुझे लगता है की अपने नेतृत्वा की कारगुजारियों और गलत नीतियों की वजह से कांग्रेस की दुर्गति इससे भी बुरी हो सकती थी!
याद कीजिये, वो वाकया जब दागियों को बचाने के लिए विधेयक लाया गया था….! जिस तरह राहुल गांधी ने मिडिया के सामने उस विधेयक की धज्जियाँ उड़ाकर …तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पद और व्यक्तिगत गरिमा को ठेस पहुंचाई गयी थी!…..उन्हें पुरे देश के सामने कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ‘विलेन’ बना कर रख दिया था.! .पिछले दिनों आई दो किताबों में इस बात को मजबूती से उठाया गया है की, हर निर्णय ‘सोनिया’ जी के आदेश से ही मंजूर होता था! हर फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले सोनिया जी की अनुमति के लिए जाता था !….ऐसे में क्या दागियों को बचाने के लिए तैयार किये गए अध्यादेश पर कांग्रेस अध्यक्षा की अनुमति नहीं थी? क्या सोनिया जी ने उस पर सहमति नहीं दी थी? ……अगर दी थी, तो….सिर्फ मनमोहन सिंह ही जिम्मेदार क्यों बनाये गए? क्यों देश के सामने सिर्फ मनमोहन सिंह को ‘विलेन’ बनाया गया?
इन सवालों का जवाब हर किसी को पता है….लेकिन सोचने की जरुरत है की…अगर मनमोहन सिंह ने अपने उप्पर लगाये गए लांक्षन के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया होता तो ?…(खबर तो यही थी की मनमोहन सिंह इस्तीफा देने का मन बना चुके थे….लेकिन उन्हें रोक लिया गया था) अगर मनमोहन सिंह अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए ..मिडिया के सामने आकर….उस अध्यादेश की सच्चाई देश के सामने रख देते तो…..क्या होता?
विश्वास कीजिये….अगर ऐसा हो गया होता तो…गांधी परिवार और कांग्रेस की इज्ज्ज़त इस हद तक मिटटी में मिल जाती…की चुनाव में दहाई के आकड़ें भी मुश्किल हो जाते ! और तो और राहुल और सोनिया को अपनी सीट के भी लाले पड़ जाते…! कांग्रेस के शर्महीन नेतृत्वा को ‘मनमोहन सिंह ‘ का शुक्रगुजार होना चाहिए..कि, उन्होंने अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को …राहुल जी के हाथों मिटटी में मिलवा दिया…लेकिन कांग्रेस पर आंच नहीं आने दिया!
Read Comments