Menu
blogid : 18250 postid : 871854

”मैं युवा हूँ”

YOUNG INDIAN WARRIORS
YOUNG INDIAN WARRIORS
  • 53 Posts
  • 83 Comments

एक सुबह-सवेरे आईने में,
खुद को संवार रहा था !
अपनी ही तस्वीर से उलझा ,
अंतःकरण को पुकार रहा था !
सहसा आईने से एक आवाज गूंजा,
तुम कौन हो? हो युवा..या कोई और दूजा!
निःशब्द हुआ, मैं खुद को संभाला,
‘मैं युवा हूँ’, गर्व से कह डाला !

उसने कानों पर एक और प्रहार किया,
तुनकमिजाजी से जोरदार उपहास किया !
कड़क आवाज में बोला ..कौन युवा?
जो स्कूलों में मासूमों का मार रहा,
जो विश्वशांति पर बन खतरा
जिहाद को ललकार रहा !
जो इराक में अपनों को काट रहा,
जाति-धर्म के नाम पर मानवता को बाँट रहा!
जो नशाखोरी के लत में डूबा,
संस्कृति को दुत्कार रहा!
जो भूल गया नारी सम्मान
माँ-बहनों के इज्जत से कर खिलवाड़ रहा!
प्यारे, तुम कौन हों?
जो नेताओं का भीड़ बन,
जनता को फटकार रहा,
जो धर्म के ठेकेदारों का बना पिछलग्गू,
कर अंधभक्ति का प्रचार रहा !
जो हीरोगिरी के चक्कर में,
असभ्यता को अपना रहा!
जिसकी अपनी न कोई सोच,
बिन लक्ष्य, पथिक बढ़ता जा रहा !
प्यारे तुम कौन हो?
मैंने कहा,
चुप कर, ज्यादा न बोल !
तू मेरी ही तस्वीर हैं !
जो जैसा भी है, ..हैं ‘युवा’ ‘
ये उसकी ही तक़दीर है!
शांति रखों, सुनो अब मेरी बात,
बहुत हुआ, अब न उधेङोँ मेरे जज्बात!
मैं वो युवा हूँ,
जो छात्र बन, पेशावर में मारा जाता हूँ ,
पत्रकार बन, इराक में काटा जाता हूँ ,
सीरिया में क़त्ल होता मेरा,
धर्म के नाम पर, कश्मीर में बांटा जाता हूँ !
नेताओं की यारी है मुझसे,
धर्म की ठेकेदारी है मुझसे,
सबके झंडे उठा, आगे बढ़ता जाता हूँ!
हर शाम हासिल करता शून्य,
हर रात शून्य में खो जाता हूँ!
फिक्रमंद न कोई अब मेरा,
वक्त की घडी में न कोई पहचान हमारा!
हर हाथ खिलौना बन जाता हूँ!
प्लीज़ मत कर यार,
मैं ‘अभि’ जैसा भी हूँ, ‘युवा’ ही कहलाता हूँ!
– आप सभी के प्रेम/आशीर्वाद का आकांक्षी
के.कुमार सिंह ‘अभिषेक’

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh